*कोरोना से निपटने मुख्यमंत्री सहायता कोष में सहायता राशि देगा मध्य प्रदेश ब्लाइंड क्रिकेट एसोसिएशन*
भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए राज्य के मुखिया सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान करने की अपील की अपील की है। मध्य प्रदेश ब्लाइंड क्रिकेट एसोसिएशन ने कोरोनावायरस से चल रही जंग में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 21 हजार रुपए (21,000) दान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सहायता कोष के नाम उक्त राशि ऑनलाइन माध्यम से जमा की जाएगी।
पूरी दुनिया जहां कोरोना वायरस के संक्रमण से मानो थम सी गई है वहीं भारत भी इससे अछूता नहीं है साथ ही मध्य प्रदेश में भी कोरोना वायरस के संदिग्ध के साथ-साथ इससे पीड़ितों की भी पहचान हुई है। इस मामले को गंभीरता स लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों से सहायता करने अपील की थी। साथ ही बैंक अकाउंट नंबर भी सार्वजनिक किया है। जिसमें लोग अपनी स्वेच्छा से दान दे सकते हैं।
इसी तारतम्य में मध्य प्रदेश ब्लाइंड क्रिकेट एसोसिएशन के चेयरमैन डॉ. राघवेंद्र शर्मा ने क्रिकेटर सोनू गोलकर की उपस्थिति में जानकारी देते हुए बताया कि एसोसिएशन ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष को राशि दी जा रही है जिससे इस महामारी से लोगों को निजात दिलाने में सहायक हो सके तथा उन्होंने लोगों से भी इस महामारी में आगे आकर जरूरत मंदों की सहायता करने की अपील की है।
*भारत दक्षिण अफ़्रीका के बीच ब्लाइंड इंटरनेशनल क्रिकेट मैच असमंजस में*
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 27 और 28 मार्च में होने वाले टी- 20 अंतरराष्ट्रीय ब्लाइंड क्रिकेट मैच कोरोना वायरस के कहर के कारण स्थगित होने के बाद यह मुकाबले 7 और 8 मई को खेले जाने थे |
इस वैश्विक महामारी के कारण विश्व भर में अभी तक कई खेल प्रतियोगिताएं रद्द कर दी गयी हैं |
*आम क्रिकेट से अलग होता है ब्लाइंड क्रिकेट*
इन खिलाड़ियों की उपलब्धियों के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मप्र टीम के सीनियर ब्लाइंड क्रिकेट प्लेयर और एसोसिएशन के सचिव सुनील गोलकर के बारे में जिक्र भी किया था। हाल ही में जब एमपीपीएससी की परीक्षाएं आयेाजित की गई तो उसमें भी मप्र की ब्लाइंड क्रिकेट टीम से जुड़ा एक सवाल पूछा गया। इन सभी उपलब्धियों को देखकर प्रदेश में महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम बनाने की बात भी उठने लगी। हालांकि अभी ब्लाइंड खिलाड़ियों के क्रिकेट को सामान्य क्रिकेट की तरह मान्यता नहीं मिली है। इस मामले में हम पड़ोसी देशों से भी पीछे हैं। आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में तो ब्लाइंड क्रिकेट खिलाड़ियों को मानदेय दिया जाता है, लेकिन अभी भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को यह सुविधा नहीं है।